संख्या किसे कहते हैं | संख्या के प्रकार और उदहारण
Sankhya Kise kahate Hain : हेलो दोस्तों Welcome to hindigkonline! क्या आप संख्या के बारे में जानना चाहते हैं जैसे की संख्या किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ें इस पोस्ट में हम संख्या किसे कहते हैं, प्रकार और उदहारण से संबंधित पूरी जानकारी देंगे।
संख्या से सम्बंधित छोटे-छोटे प्रश्न अक्सर परीक्षाओ में पूछे जाते हैं लेकिन हम परीक्षा के समय वही छोटे प्रश्न भूल जाते हैं।
Sankhya Kise kahate Hain |
इसलिए आज मै आपके लिए संख्या से जुड़े सभी जानकरी को विस्तृत और सरल तरीके से शेयर करने वाला हूँ। आप इस लेख को अंत तक पढ़िए इसमें आपके सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे।
विषय सूचि
संख्या किसे कहते हैं
संख्या पद्धति किसे कहते हैं
संख्याओं के प्रकार
बड़ी से बड़ी एवं छोटी से छोटी संख्या
संख्याओ पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न [FAQ]
संख्या किसे कहते हैं | Sankhya Kise Kahate Hain
वे गणितीय इकाई जिनका उपयोग मापने, गिनने और नामकरण के लिए किया जाता है उसे संख्या कहते हैं।गणित में कुल कितनी संख्या होती है | Sankhya Kitni Hoti Hai
गणित मे कूल 10 संख्याएं (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) होती हैं इन्हीं 10 संख्याओं की मदद से आगे के बड़ी से बड़ी सभी संख्याएं बनाई जाती हैं।जैसे: 11, 35, 49, 111, 1213 इत्यादि।
हालांकि 0 को एक पूर्ण संख्या माना जाता है यदि 0 को किसी संख्या के पीछे यानी दाहिनी तरफ लगा दिया जाता है तो उस संख्या का मान 10 गुना बढ़ जाता है जैसे- 1 के बाद 0 लगा दिया जाय तो 10 हो जाएगा यानी कि 1 का 10 गुना हो जाएगा। अब आप संख्या की परिभाषा जान गए होंगे, आइये अब हम संख्या प्रणाली के बारे में जान लेते हैं।
संख्या पद्धति किसे कहते हैं | संख्या प्रणाली की परिभाषा
इन संख्याओं 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 और 9 के माध्यम से जो संख्या बनती हैं उन संख्याओं के लिखने के तरीके को संख्या पद्धति या संख्या प्रणाली कहते हैं। इन संख्याओं को लिखने के लिए दो प्रकार की प्रणाली प्रचलित है।- दाशमिक संख्या पद्धति या प्रणाली
- अंतर्राष्ट्रीय संख्या पद्धति या प्रणाली
1. दाशमिक संख्या पद्धति (Decimal Number System)
दाशमिक संख्या पद्धति या दशाधार संख्या पद्धति वह संख्या पद्धति है जिसमें गिनती गणना के लिए कुल 10 अंकों या 10 संकेतों (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) का सहारा लिया जाता है। दाशमिक प्रणाली को भारतीय अरबी प्रणाली के नाम से भी कहते हैं। इसे दाएं से बाएं और लिखते हुए इकाई, दहाई, सैकड़ा, हजार, 10 हजार, लाख, 10 लाख, करोड़, 10 करोड़, अरब, 10 अरब लिखा जाता है। नीचे दिए गए तालिका से आप स्पष्ट रुप से समझ सकते हैं।
दस अरब | अरब | दस करोड़ | करोड़ | दस लाख | लाख | दस हजार | हजार | सैकड़ा | दहाई | इकाई |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
2 | 7 | 7 | 4 | 0 | 9 | 7 | 1 | 7 | 6 | 3 |
संख्या अंको में- 27,74,09,71,763
संख्या शब्दों में- सत्ताइशअरब चौहत्तर करोड़ नौ लाख इकहत्तर हजार सात सौ तिरसठ
2. अंतरराष्ट्रीय संख्या प्रणाली (International Number System)
यह वह पद्धति है जिसमें संख्याओं को तीन-तीन अंको के समूह में लिखा जाता है। इसे भी दाएं से बाएं की ओर क्रमशः इकाई, दहाई, सैकड़ा, हजार, दस हजार, सौ हजार, मिलियन, दस मिलियन, सौ मिलियन, बिलियन, दस बिलियन, सौ बिलियन लिखा और पढा जाता है। नीचे दिए गए तालिका से इसे आप स्पष्ट रुप से समझ सकते हैं।सौ बिलियन | दस बिलियन | बिलियन | सौ मिलियन | दस मिलियन | मिलियन | सौ हजार | दस हजार | हजार | सैकड़ा | दहाई | इकाई |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | 3 | 8 | 5 | 0 | 2 | 7 | 2 | 9 | 5 | 4 | 2 |
संख्या अंको में - 138,502,729,542
संख्या शब्दों में- एक सौ अड़तीस बिलियन पांच सौ दो मिलियन सात सौ उनतीस हजार पांच सौ बयालीस
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दाशमिक संख्या पद्धति/प्रणाली तथा अंतर्राष्ट्रीय संख्या पद्धति/प्रणाली में अंतर
यदि आपको दाशमिक और अंतर्राष्ट्रीय संख्या पद्धति स्पष्ट नहीं हो रही है तो निचे दिये गये तलिका कि सहयता से आप दाशमिक संख्या पद्धति और अंतर्राष्ट्रीय संख्या पद्धति मे अंतर समझ सकते हैं।
अब हम लोग यहां जान गए कि संख्या किसे कहते हैं, संख्या प्रणाली और कितने प्रकार की होती है। अब हम यह जान लेते हैं कि संख्याएं कितनी प्रकार की होती हैं।
संख्याओं के प्रकार | संख्या कितने प्रकार के होते हैं
संख्या निम्न प्रकार की होती है।
1. प्राकृतिक संख्या
2. सम संख्या
2.1 क्रमागत सम संख्या
3. विषम संख्या
3.1 क्रमागत विषम संख्या
4. पूर्ण संख्या
5. पूर्णांक संख्या
5.1 धनात्मक पूर्णाक
5.2 ऋणात्मक पूर्णांक
6. भाज्य संख्या (यौगिक या संयुक्त संख्या)
7. अभाज्य संख्या (रूढ़ या असंयुक्त संख्या)
7.1 जुड़वा अभाज्य संख्या
7.2. सह अभाज्य संख्या
8. परिमेय संख्या
9. अपरिमेय संख्या
10. वास्तविक संख्या
11. अवास्तविक संख्या
12. सम्पूर्ण संख्या
13. द्विआधारी संख्याये
1. प्राकृतिक संख्या (Natural numbers)
जिन संख्याओं में वस्तुओं की गणना की जाती है उन्हें प्राकृतिक संख्या कहते हैं। प्राकृतिक संख्या 1 से शुरू होती है। इसमें सुनने को शामिल नहीं किया जाता यह प्राकृतिक संख्या नहीं है।जैसे: 1, 2, 3, 4, 5,.......... इत्यादि।
2. सम संख्या ( Even Number)
वे प्राकृतिक संख्याएं जो 2 से विभाजित हो सम संख्या कहलाती हैं। अर्थात जिन संख्याओं में 2 से पूरा-पूरा भाग हो जाएं सम संख्या कहलाती है।
जैसे: 2, 4, 6 ,8, 10, 12, 14,...........इत्यादि।
2.1 क्रमागत सम संख्या (Continue Even Number)
ऐसी सम संख्याएं जो क्रम से लिखी हुई हो उन्हें क्रमागत सम संख्या कहते हैं।जैसे: 2 4 6 8 10
3. विषम संख्या (Odd Number)
ऐसी प्राकृत संख्या जो 2 से विभाजित न हो। जिसमें केवल उसी संख्या या अन्य संख्या से विभाजित हो विषम संख्या कहते हैं।
जैसे: 1, 3, 5, 7, 9, 17, 21, 25, 59,......इत्यादि।
NOTE-
• किन्हीं दो या अधिक सम संख्याओं को जोड़ने पर हमेशा एक सम संख्या प्राप्त होती है।
• यदि सम संख्या में एक विषम संख्या जोड़ दी जाए, तो हमेशा एक विषम संख्या प्राप्त होगी।
• यदि दो विषम संख्याओं को एक साथ जोड़ दिया जाए तो हमेशा एक सम संख्या प्राप्त होगी।
• किसी सम संख्या की जितनी भी घात बढ़ाई जाए, परिणाम हमेशा एक सम संख्या होगी।
• किसी भी विषम संख्या का जितनी भी घात किया जाता है, उसका परिणाम हमेशा विषम संख्या ही होता है।
3.1 क्रमागत विषम संख्या (Continue Odd Number)
ऐसी विषम संख्या जो क्रम से लिखी हुई हो उन्हें क्रमागत विषम संख्या कहते हैं।
जैसे: 1, 3, 5, 7, 9,11,.......इत्यादि।
4. पूर्ण संख्या (Whole Number)
प्राकृति संख्याओं में जीरो (0) को सम्मिलित करने से संख्याओं का जो समुच्चय बनता है उसे पूर्ण संख्या कहते हैं।
जैसे: 0, 1, 2, 3, 4, 5,..........इत्यादि।
5. पूर्णांक संख्या (Integer Number)
जब पूर्ण संख्याओं को धनात्मक और आत्मक चिन्हों के साथ लिखा जाता है उसे पूर्णांक संख्या कहते हैं।
जैसे: -5, -4, -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, 4, 5........इत्यादि।
पूर्णांक संख्या को दो भागों में बांटा जा सकता है।
5.1 धनात्मक पूर्णाक
पूर्ण संख्याओं को धनात्मक पूर्णांक कहा जाता है।
जैसे: 0, 1, 2, 3, 4, 5,.......... इत्यादि।
5.2 ऋणात्मक पूर्णाक
वह पूरा दिन ते पूर्व रत्ना का चिन्ह लगा हो ऋणात्मक पूर्णांक कहते हैं।
जैसे: -1, -2, -3, -4, -5.....इत्यादि।
6. भाज्य संख्या / यौगिक या संयुक्त संख्या ( Composite Number)
वह संख्या जिसमें एक और स्वयं अर्थात उसी संख्या को छोड़कर अन्य किसी संख्या से भी भाग हो जाए भाज्य संख्या कहलाती है।
जैसे: 4, 6, 8, 15, 20..........इत्यादि।
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7. अभाज्य संख्या / रूढ़ या असंयुक्त संख्या (Prime Number)
एक से बड़ी वे सभी संख्याएं जिसमें एक और स्वयं अर्थात उस संख्या को छोड़कर और किसी भी संख्या से भाग नहीं लगे अभाज्य संख्या कहलाती है।
जैसे: 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17,..........इत्यादि।
NOTE-
• 1 न तो भाज्य संख्या है , न ही अभाज्य संख्या है ।
• 2 सबसे छोटी अभाज्य संख्या है ।
• 2 एक ऐसी संख्या है जो अभाज्य भी है तथा सम भी । बाकी सभी अभाज्य संख्याएं विषम है ।
• 1 से 25 तक 9 अभाज्य संख्याएं हैं ।
• 1 से 50 तक 15 अभाज्य संख्याएं हैं ।
• 50 से 100 तक 10 अभाज्य संख्याएं हैं ।
• 1 से 100 तक 25 अभाज्य संख्याएं है ।
7.1 जुड़वा अभाज्य संख्या (twinge prime)
वे अभाज्य संख्याये जिनमें दो का अंतर होता है जुड़वा अभाज्य संख्याएं कहलाती है।
जैसे: 11 और 13, 17 और 19
7.2. सह अभाज्य संख्या ( Co- Prime Number)
ऐसी संख्याओं का योग में जिन का महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) 1 हो या अभाज्य संख्या कहलाती हैं।
जैसे: 5, 6; 8, 9; ......... इत्यादि।
NOTE-
• दो क्रमागत प्राकृत संख्याएं सह-अभाज्य होती हैं।
• प्रत्येक जुड़वां अभाज्य संख्या एक सह-अभाज्य संख्या होगी, लेकिन प्रत्येक सह-अभाज्य संख्या एक जुड़वां अभाज्य संख्या नहीं होगी।
8. परिमेय संख्या (Rational Number)
वह संख्या जिसे P/Q के रूप में लिखा जा सकता है। P और Q दोनों ही पूर्ण संख्या है परंतु शून्य नहीं, परिमेय संख्या कहलाती है।
जैसे: 3/7, 2/4, -1/2...........इत्यादि।
9. अपरिमेय संख्या ( Irrational Number)
यदि किसी संख्या को P/Q के रूप में नहीं लिखा जा सकता है जहां P और Q दोनों ही पूर्णांक हैं तथा Q का मां शून्य नहीं है तो वह संख्या अपरिमेय संख्या कहलाती है।
जैसे: 0.1000101, √2, √3, √17,............ इत्यादि।
10. वास्तविक संख्या (Real Number)
जब परिमेय और अपरिमेय संख्याओं को सम्मिलित रूप से लिखा जाता है वास्तविक संख्या कहलाती है।
जैसे: 2/5, √5, 11/13, √11............इत्यादि।
11. अवास्तविक संख्या (Unreal Number)
ऐसी संख्या जो वास्तविक नहीं होता है वह काल्पनिक होती है जिसे इकाई से दर्शाया जाता है इसका कोई अस्तित्व नहीं होता।
जैसे: √-4, √-1
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12. सम्पूर्ण संख्या (Perfect Number)
ऐसी संख्या जिसके सभी गुणनखंड का योग, उस संख्या का दुगना गुना होता है संपूर्ण संख्या कहलाती है।
जैसे: 6 की पूर्ण भाजक संख्या क्रमशः 1,2,3 और 6 है, जिनका योग 12 है अर्थात 6 का दुगुना।
उसी प्रकार से,
28 की पूर्ण भाजक संख्या क्रमशः 1, 2, 4, 7, 14 एवं 28 है जिनका योग 56 यानी कि 28 का दुगुना।
NOTE- 1 से 100 तक के बीच दो ही संपूर्ण संख्या है 6 और 28। सबसे छोटी संपूर्ण संख्या 6 होती है।
13. द्विआधारी संख्याये (Binary Number)
द्विआधारी केवल 2 अंकों से निर्मित होने वाली संख्या है, जिसमें 0 और 1 होते हैं। द्विआधारी संख्या प्रणाली को Base 2 Number System भी कहते हैं क्योंकि आधारी संख्या प्रणाली का आधार दो है। इसमें केवल दो अंक होते हैं। यह संख्याएं मशीनरी के लिए उपयुक्त होती हैं।
जैसे: -
महत्वपूर्ण तथ्य
- 2 एक ऐसी संख्या हैं जो अभाज्य भी हैं तथा सम भी हैं।
- सभी अभाज्य संख्याएं विषम हैं।
- 1 से 25 तक 9 अभाज्य संख्याएं हैं।
- 1 से 50 तक 15 अभाज्य संख्याएं हैं।
- 1 न तो भाज्य संख्या हैं न ही अभाज्य संख्या हैं।
- 2 सबसे छोटी अभाज्य संख्या हैं।
- 50 से 100 तक 10 अभाज्य संख्याएं हैं।
- 1 से 100 तक 25 अभाज्य संख्याएं हैं।
बड़ी से बड़ी एवं छोटी से छोटी संख्या
● जितने अंको की सबसे छोटी संख्या लिखनी हो तो 1 के बाद उतने अंको में से एक कम बार 0 लिख देते हैं।● जितनी अंको की बड़ी संख्या लिखनी हो उतनी ही संख्या में 9 लिखते हैं।
- एक अंक की सबसे छोटी संख्या 1 है।
- एक अंक की सबसे बड़ी संख्या 9 है।
- दो अंको की सबसे छोटी संख्या 10 है।
- दो अंको की सबसे बड़ी संख्या 99 है।
- तीन अंको की सबसे छोटी संख्या 100 है।
- तीन अंको की सबसे बड़ी संख्या 999 हैं।
- चार अंको की सबसे छोटी संख्या 1000 है।
- चार अंको की सबसे बड़ी संख्या 9999 है।
संख्याओ पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न [FAQ]
प्रश्न- संख्या किसे कहते हैं यह कितने प्रकार की होती है?
उत्तर- वे गणितीय इकाई जिनका उपयोग मापने, गिनने और नामकरण के लिए किया जाता है उसे संख्या कहते हैं। संख्या उपरोक्त 14 प्रकार की होती है।
प्रश्न- संपूर्ण संख्या कौन सी होती है?
उत्तर- ऐसी संख्या जिसके सभी गुणनखंड का योग, उस संख्या का दुगना गुना होता है संपूर्ण संख्या कहलाती है।
प्रश्न- अपरिमेय संख्या क्या है उदाहरण?
उत्तर- यदि किसी संख्या को P/Q के रूप में नहीं लिखा जा सकता है जहां P और Q दोनों ही पूर्णांक हैं तथा Q का मां शून्य नहीं है तो वह संख्या अपरिमेय संख्या कहलाती है।
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